भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ताओं को पोन्जी योजनाओं से बचाने के लिए तथा डायरेक्ट सेलिंग और मल्टी लेवल मार्केटिंग के व्यवसाय को विनियमित करने के लिए डायरेक्ट सेलिंग दिशानिर्देश 2016 की रूपरेखा जारी की है.
इसमें वैध प्रत्यक्ष बिक्री योजनाओं को परिभाषित किया गया है ताकि धोखाधड़ी रोका जा सके. इस बारे में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. वे अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कुछ संशोधन कर सकते हैं. हालांकि, दिशा-निर्देश वैकल्पिक हैं और राज्यों को इन्हें अपनाना अनिवार्य नहीं होगा.
डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन 2016
1. पृष्ठभूमि:
इन दिशानिर्देशों को तैयार करने की प्रक्रिया 2013 में तत्कालीन एमवे इंडिया के चेयरमैन विलियम एस पिंकनी और दो अन्य कंपनी निदेशकों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई, जब उन पर प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स अधिनियम के तहत धोखाधड़ी के आरोप थे.
संबंधित हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चा के बाद, उपभोक्ता मामलों का विभाग इन दिशानिर्देशों के साथ आया, जिन्होंने वास्तविक प्रत्यक्ष बिक्री कंपनियों और धोखेबाज़ पोंजी योजनाओं के बीच स्पष्ट अंतर किया है.
2. मॉडल दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं:
प्रत्येक प्रत्यक्ष बिक्री इकाई (“डीएसई”) जो राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन के बाद प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसाय करने का इरादा रखती है, उसे 12 सितंबर 2016 से डीएस व्यवसाय के संचालन के लिए निम्नलिखित शर्तों का पालन 90 दिनों के भीतर करेगी.
डीएसई को भारत के कानूनों के तहत एक पंजीकृत कानूनी इकाई होना चाहिए.
डायरेक्ट सेलिंग की परिभाषा: दिशा-निर्देशों ने डायरेक्ट सेलिंग ’को मार्केटिंग, वितरण, और माल की बिक्री या सेवाओं के प्रावधान के रूप में परिभाषित किया है. इस तरह की बिक्री एक स्थायी खुदरा स्थान जैसे कि उपभोक्ताओं के कार्यस्थल या निवास के अलावा अन्य स्थानों पर भी होती है.
कुछ योजनाओं का निषेध: दिशानिर्देशों ने पिरामिड और मुद्रा परिसंचरण योजनाओं को प्रतिबंधित किया है. एक पिरामिड योजना वह है जिसमें मौजूदा सदस्यों को अतिरिक्त सदस्यों के नामांकन से लाभ मिलता है.
मनी सर्कुलेशन स्कीम वह है जिसमें नए सदस्यों को प्रवेश शुल्क या आवधिक सदस्यता के माध्यम से एक योजना में शामिल करके त्वरित पैसा बनाया जा सकता है.
डायरेक्ट सेलिंग बिज़नेस की स्थापना के लिए कुछ शर्तों को मानना जरुरी है. कंपनी को 90 दिनों के भीतर सरकार द्वारा बनाये गये कानूनों के तहत सारी व्यवस्था बनानी होगी. पारिश्रमिक, अधिकार और दायित्वों के बारे में प्रत्यक्ष विक्रेताओं को सटीक जानकारी देनी होगी.
संबंधित राज्य में एक कार्यालय की स्थापना करना ताकि शिकायत निवारण हो सके. मुख्य प्रबंधन को पिछले 5 वर्षों में कारावास की सजा आदि नहीं होनी चाहिए. कंज्यूमर के राइट्स की सुरक्षा के लिए कंपनी को शिकायत निवारण समिति का गठन करना होगा तथा उपभोक्ताओं को वारंटी आदि की जानकारी देनी होगी.
3. अन्य प्रावधान:
केंद्र और राज्य सरकारों को प्रत्यक्ष बिक्री से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए निगरानी प्राधिकरण स्थापित करने की आवश्यकता है. प्रत्यक्ष बिक्री इकाई को प्रत्यक्ष विक्रेताओं को प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क आदि लेने से बचना चाहिए.
प्रत्यक्ष बिक्री संस्थाओं को प्रत्यक्ष विक्रेताओं के साथ समझौते में बेची गई वस्तुओं और सेवाओं के लिए पूर्ण वापसी या बायबैक गारंटी की व्यवस्था करनी चाहिए.
4. महत्व:
यह गाइड लाइन धोखाधड़ी को रोकेगी और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करेगी. अब तक धोखेबाज उचित नीति या दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति का लाभ उठाते रहे हैं. दिशानिर्देश उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक शिकायत निवारण समिति भी प्रदान करते हैं.
दिशानिर्देशों से विनियमों में स्पष्टता लाने में मदद मिलेगी क्योंकि इस उद्योग का कारोबार 2025 तक 64500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है. यह नैतिक डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को पहचानने और उनकी सुरक्षा करने में भी मदद करेगा. यह प्रत्यक्ष बिक्री संस्थाओं को भ्रामक और अनुचित भर्ती प्रथाओं का उपयोग करने से भी रोकता है.
5. आगे का रास्ता:
इन दिशानिर्देशों को मील का पत्थर माना जाता है. यह सरकार का एक प्रगतिशील कदम है. सरकार को एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए और इन दिशानिर्देशों को वैधानिक मान्यता प्रदान करनी चाहिए। यदि संभव हो तो उन्हें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का हिस्सा भी बनाया जा सकता है.
यदि इन दिशानिर्देशों को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाया जाता है, तो यह भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को लाने में मदद करेगा.
दोस्तों इस लेख में डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गयी है. यदि आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप कमेन्ट बाक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं. विशेष जानकारी के लिए आप मोबाइल नंबर 7440960142 पर संपर्क भी कर सकते हैं.
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